बस्ती की नाबालिग दुकान जा रही लड़की को घर में बंद कर 3 घंटे गैंगरेप, गुस्से में हिंदू संगठन चौकी पर प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक शर्मनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। आरोप है कि एक ही गांव के तीन युवकों ने 14 वर्षीय दलित किशोरी को उस समय अपना शिकार बनाया, जब वह सुबह किराने की दुकान पर सामान खरीदने गई थी। लड़की को अगवाकर घर के भीतर बंद किया गया, तीन घंटे तक उसके साथ दुष्कर्म हुआ और बाद में धमकी देकर घर के बाहर फेंक दिया गया। इस घटना ने न सिर्फ गांव के लोगों को, बल्कि पूरे जिले को आक्रोश से भर दिया। खासकर इसलिए क्योंकि आरोप है कि सूचना देने के बाद भी पुलिस ने तात्कालिक कार्रवाई नहीं की। यही वजह रही कि रविवार को हिंदू संगठनों को पुलिस चौकी पर धरना देना पड़ा।

बस्ती की नाबालिग दुकान जा रही लड़की को घर में बंद कर 3 घंटे गैंगरेप, गुस्से में हिंदू संगठन चौकी पर प्रदर्शन

घटना बस्ती के सोनहा थानांतर्गत असनहरा पुलिस चौकी क्षेत्र के एक गांव की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह करीब नौ बजे किशोरी किराने की दुकान के लिए घर से बाहर निकली थी। तभी रास्ते में गांव के ही तीन युवक शहबान, दिलशाद और रसीद ने उसे जबरन पकड़ लिया। आरोपितों ने उसका मुंह दबाकर और हाथ-पांव कसकर पकड़े रखा और फिर उसे घसीटकर शहबान के घर ले गए। यहां लड़की के साथ लगभग तीन घंटे तक बंद कमरे में सामूहिक दुष्कर्म किया गया।

किसी को शक न हो इसके लिए घर के बाहर ताला जड़ दिया गया और बारी-बारी से आरोपी युवक पहरा देते रहे। यहीं नहीं, घटना के दौरान शहबान के परिवार की महिलाएं भी वहां मौजूद रहीं। किशोरी का आरोप है कि उसे न सिर्फ बेबस कर दरिंदगी का शिकार बनाया गया बल्कि बाद में उसकी पिटाई की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई। कहा गया कि यदि इस घटना का उल्लेख उसने किसी से किया तो अंजाम और भी भयावह होगा। घबराई और घायल किशोरी को बाद में जबरन बाहर फेंक दिया गया।

लड़की किसी तरह घर पहुंची और रो-रोकर परिवार को अपनी आपबीती सुनाई। पिता ने तुरंत पुलिस को तहरीर दी और आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। लेकिन परिवार का कहना है कि पुलिस ने केवल औपचारिकता निभाते हुए जांच का आश्वासन दिया और तुरंत मुकदमा दर्ज नहीं किया। यही वजह रही कि जब रविवार को मामला सामने आया और हिंदू संगठनों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने असनहरा पुलिस चौकी का घेराव कर दिया।

रविवार को दिनभर असनहरा चौकी पर तनाव की स्थिति बनी रही। हिंदू संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिस चौकी पर धरना दिया और जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि थाना और चौकी स्तर पर दी गई तहरीर को पूरी तरह अनसुना कर दिया गया और घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हिंदू संगठनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस दबाव में काम कर रही थी और मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी।

दिनभर चली इस खींचतान के बाद जब मौके पर एएसपी ओपी सिंह और सीओ स्वर्णिमा सिंह पहुंचे तो उन्होंने तत्काल मुकदमा दर्ज करने और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद ही धरने पर बैठे संगठन कार्यकर्ताओं ने आंदोलन खत्म किया। इसके बाद तीनों आरोपितों शहबान, दिलशाद और रसीद के खिलाफ गैंगरेप और पोक्सो एक्ट समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

यह घटना एक बार फिर से खामोश गांवों के भीतर होने वाले अपराधों और उनसे निपटने में पुलिस की सुस्ती को उजागर करती है। एक ओर समाज इस तरह की घटनाओं से विचलित और आक्रोशित है, दूसरी ओर पुलिस की शुरुआती कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी और उन्हें सजा दिलाने का सिलसिला कितनी तेजी से आगे बढ़ता है।