
वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को मध्य प्रदेश के दमोह जिले के छोटे से गाँव रिवझा में हुआ था। बचपन से ही उनका झुकाव धर्म और आध्यात्म की ओर था। उनका असली नाम अनिरुद्ध राम तिवारी है।
पढ़ाई
अनिरुद्धाचार्य जी ने केवल कक्षा 5 तक पढ़ाई की है। इसके बाद वे वृंदावन आ गए और यहाँ उन्होंने संत गिर्राज शास्त्री जी महाराज से दीक्षा लेकर आध्यात्मिक मार्ग अपनाया। बचपन से ही उन्होंने श्री राधा-कृष्ण के मंदिर में सेवा करना शुरू किया और रामचरितमानस तथा श्रीमद्भागवत का अध्ययन किया। वे सनातन धर्म का प्रचार और भागवत कथा का प्रवचन कर लोगों का मार्गदर्शन करते हैं।
पत्नी
उनकी पत्नी का नाम आरती तिवारी है, जिन्हें ‘गुरु माँ’ के नाम से भी जाना जाता है। वह राधा-कृष्ण और रामजी के भजन गाती हैं और अपने भजनों के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करती हैं। उनके भजनों से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद मिलता है।
सामाजिक कार्य
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज धार्मिक गतिविधियों के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। वृंदावन में उन्होंने वृद्धाश्रम स्थापित किया है और विभिन्न जरूरतमंद वर्ग के लिए सहायता कार्यक्रम संचालित करते हैं।
संपत्ति और आय
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 2025 में अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की अनुमानित कुल संपत्ति लगभग 25 करोड़ रुपये है। उनकी आय के स्रोत इस प्रकार हैं:
- एक दिन की कथा के लिए 1 से 3 लाख रुपये तक फीस
- सात दिन की भागवत कथा के लिए 10 से 15 लाख रुपये तक कमाई
- धार्मिक उपदेशों, वैश्विक आयोजनों, लाइव दान, प्रचार गतिविधियों से आय
- यूट्यूब विज्ञापनों से अनुमानित ₹2 लाख प्रति माह राजस्व
- प्रायोजन और सोशल मीडिया सहयोग
यह सारी आमदनी उनकी धार्मिक प्रसार कार्यों और लोकप्रियता का परिणाम है।