
प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में महिलाओं के लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर उनके कथित बयान ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया था। अब उन्होंने इस मामले पर खुलकर सफाई दी है और मीडिया, सोशल मीडिया ट्रोल्स के साथ-साथ बॉलीवुड को भी आड़े हाथों लिया है।
वायरल वीडियो पर सफाई
अनिरुद्धाचार्य ने बताया कि उनका पूरा वीडियो 6 मिनट लंबा है, लेकिन सोशल मीडिया पर केवल 30 सेकंड का क्लिप फैलाया गया, जिसने गलतफहमी पैदा की। उन्होंने कहा—
“गांव की आम बोली में ‘मुँह मारना’ शब्द का मतलब चरित्रहीनता है। अगर मेरी भाषा गलत लगी तो मान लेता हूँ, लेकिन मेरी मंशा पुरुष और महिला, दोनों से अच्छे चरित्र की बात करने की थी। मेरा वीडियो अधूरा दिखाया गया।”
“सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश”
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इसे सनातन धर्म के खिलाफ सोची-समझी साजिश करार दिया।
- सवाल किया कि लिव-इन रिलेशनशिप का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है।
- कहा कि भारत में बेटियों को कभी दबाया नहीं गया, बुराइयां मुगल काल में आईं।
- दावा किया कि उनके बयान का विरोध दरअसल “संतों का विरोध” है, न कि उनका व्यक्तिगत।
अखिलेश यादव और आलोचकों पर प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा—
“उन्हें बताना चाहिए कि संत कैसे खुश रह सकते हैं। जो मेरा विरोध करते हैं, उन्हें छांगुर बाबा के सत्संग में जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रामभद्राचार्य और प्रेमानंद महाराज उनके विरोधी नहीं हैं।
बॉलीवुड पर सीधा हमला
अनिरुद्धाचार्य ने अपने इंटरव्यू में बॉलीवुड पर निशाना साधते हुए कहा—
- बॉलीवुड फिल्मों और बयानों में भगवान श्रीकृष्ण का अनादर किया जाता है।
- पान मसाला व गुटखा जैसे उत्पादों का प्रचार करने वाले सितारों पर सवाल उठाया और सरकार से इन पर प्रतिबंध की मांग की।
- व्यंग्य करते हुए कहा— “हर दाने में केसर की ताकत बताने से तो बेहतर है कि हम समाज को अच्छे संदेश दें।”