
लोकसभा ने सोमवार को राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 को ध्वनि मत से पारित कर दिया।
केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री मंसुख मांडविया ने इन विधेयकों को भारतीय खेलों के लिए पारदर्शी, जवाबदेह और विश्वस्तरीय खेल माहौल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
खेलों को मिलेगी नई पहचान
मांडविया ने कहा कि जब भारत ओलंपिक की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करेगा, तब मजबूत और पारदर्शी खेल ढांचा बेहद जरूरी होगा।
उन्होंने विश्वास जताया कि ये कानून ‘ग्राउंड से ग्लोरी’ तक का सपना साकार करेंगे और खिलाड़ियों की तैयारी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर होगी।
विपक्ष के हंगामे के बीच पारित
- विधेयकों पर चर्चा की शुरुआत विपक्ष की गैरमौजूदगी में हुई।
- लगभग 20 मिनट बाद विपक्षी सांसद आए और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मुद्दे पर हंगामा शुरू किया।
- नारेबाजी और शोर-शराबे के बावजूद दोनों विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गए।
- कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने SIR के विरोध में संसद से निर्वाचन आयोग तक मार्च निकाला, जिन्हें पुलिस ने संसद मार्ग पर रोककर हिरासत में लिया और बाद में छोड़ दिया।
विधेयकों के प्रमुख प्रावधान
1. राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय खेल संघों (NSFs) में बेहतर प्रशासन और गुटबाजी पर रोक।
- BCCI सहित सभी NSFs के लिए स्पष्ट नियम और एक गवर्निंग बोर्ड का गठन।
- पूरा फोकस पारदर्शिता और जवाबदेही पर।
2. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025
- WADA (विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी) के सुझावों के अनुरूप संशोधन।
- एथलीटों की ट्रेनिंग को अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक बनाना।
- प्रतियोगिताओं की निष्पक्षता और खेल भावना को मजबूत करना।
खेल क्षेत्र को नए अवसर
तेलुगु देशम पार्टी के सांसद केसिनेनी शिवनाथ ने कहा कि ये विधेयक खेलो इंडिया नीति के तहत खेल स्टार्टअप्स और स्पोर्ट्स उद्यमिता को बढ़ावा देंगे।