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Mann Ki Baat Live: पीएम मोदी कर रहे 'मन की बात' बोले- संविधान हमारे लिए गाइडिंग लाइट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पूरे देश से 117 वीं बार मन की बात की. ये साल 2024 का आखिरी एपिसोड है. इस साल लोकसभा चुनाव मार्च, अप्रैल और मई महीने में ‘मन की बात’ कार्यक्रम प्रसारित नहीं हो सका था. इससे पहले इसका 116 वां एपिसोड 24 नवंबर को प्रसारित किया गया था. पीएम ने इसमें डिजिटल अरेस्ट, स्वामी विवेकानंद, NCC, लाइब्रेरी जैसे मुद्दों पर बात की थी

इस कार्यक्रम की शुरुआत तीन अक्टूबर 2014 को हुई थी. ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जाता है. ये कार्यक्रम 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकास्ट किया जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दीं.पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 2025 बस अब तो आ ही गया है. 2025 में 26 जनवरी को संविधान लागू हुए 75 साल पूरे हो रहे हैं. ये हमारे लिए गर्व की बात हैं. पीएम मोदी ने कहा कि संविधान हमारे लिए गाइडिंग लाइट है. हमारा मार्गदर्शक है. संविधान की वजह से ही आज में आपसे बात कर पा रहा हूं.

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पीएम मोदी ने की अपील

उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास वेबसाइट भी बनाई गई है. इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं, अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं, संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं. ‘मन की बात’ के श्रोताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, कॉलेज में जाने वाले युवाओं से, मेरा आग्रह है, इस वेबसाइट पर जरूर जाकर देखें, इसका हिस्सा बनें.

एकता में अनेकता का उदाहरण है महाकुंभ- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि अगले महीने से प्रयागराज में महाकुंभ हो रहा है. इस समय वहां जबरदस्त तैयारियां की जा रही हैं. मेरा दिल और मन कुंभ क्षेत्र को देखकर खुश हो गया. उन्होंने कहा कि इतना विशाल! इतना सुंदर! इतनी भव्यता! महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में ही नहीं है. कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है.

पीएम ने आगे कहा कि कुंभ की विशेषता इसकी विशालता में नहीं बल्कि इसमें करोड़ो लोग शामिल होते हैं, जिसमें लाखों लोग, कई संत, कई संप्रदाय शामिल होते हैं. कोई भेदभाव नहीं दिखता है. यही एकता में अनेकता का उदाहरण है.

पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ का संदेश है एक हो पूरा देश, दूसरे शब्दो में कहे कि गंगा की अविरल धारा न बंंटे समाज हमारा. उन्होंने कहा कि पहली बार कुंभ आयोजन में एआई चैटबॉट का प्रयोग किया जाएगा. इसके माध्यम से 11 भारतीय भाषाओं में कुंभ से जुड़ी हर तरह की जानकारी हासिल की जा सकेगी. इस चैटबॉट से कोई भी टेक्स्ट टाइप करके या बोलकर किसी भी तरह की मदद मांग सकता है.