क्या आप भी अपनी प्रॉपर्टी पत्नी के नाम करना चाहते हैं? जानें जरूरी बातें और सावधानियाँ

क्या आप भी अपनी प्रॉपर्टी पत्नी के नाम करना चाहते हैं? जानें जरूरी बातें और सावधानियाँ

आजकल कई लोग प्रॉपर्टी खरीदते समय उसे अपनी पत्नी के नाम या पत्नी के साथ जॉइंट ओनरशिप में करना पसंद करते हैं। खासतौर पर उन राज्यों में जहां महिलाओं को स्टाम्प ड्यूटी पर छूट मिलती है, लोग इसका लाभ उठाने के लिए ऐसा करते हैं। शादीशुदा न होने पर प्रॉपर्टी मां के नाम भी की जाती है। हालांकि, ऐसा करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, नहीं तो आपको इनकम टैक्स विभाग से परेशानियाँ हो सकती हैं।

प्रॉपर्टी पत्नी के नाम करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

  1. जॉइंट ओनरशिप में हिस्सेदारी स्पष्ट करें
    जब आप पत्नी के साथ प्रॉपर्टी जॉइंट में लेते हैं, तो सेल डीड (Sale Deed) में दोनों की हिस्सेदारी प्रतिशत के हिसाब से दर्ज करें। जैसे 50%-50%, या 75%-25%।
    यदि हिस्सेदारी दर्ज नहीं करते हैं, तो दोनों की बराबर यानी 50% हिस्सेदारी मानी जाएगी। इससे टैक्स और टीडीएस (TDS) की कटौती भी 50-50 के हिसाब से होगी।
  2. इनकम टैक्स रिटर्न में नोशनल रेंटल इनकम का उल्लेख करें
    प्रॉपर्टी के को-ओनर होने पर जो नोशनल रेंटल इनकम आईटी रिटर्न में दर्शाई जाती है, उसमें पत्नी का भी हिस्सा सही प्रकार से बताना चाहिए।
  3. स्टाम्प ड्यूटी में बचत है लेकिन टैक्स मानक पालन करें
    महिलाओं के नाम प्रॉपर्टी खरीदने पर कुछ राज्यों में स्टाम्प ड्यूटी में छूट मिलती है, जो फायदेमंद हो सकता है। परन्तु इसके लिए कागजी और टैक्स नियमों का पालन जरूरी है।
  4. पूर्ण जानकारी लें और सही सलाहकार से परामर्श करें
    प्रॉपर्टी खरीदते समय अपने वकील या वित्तीय सलाहकार से पूरी जानकारी लेकर ही आगे बढ़ें। गलत दस्तावेज या जानकारियों के कारण बाद में कानूनी और टैक्स संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

निष्कर्ष

व्यक्ति की आर्थिक योजना में प्रॉपर्टी को पत्नी के नाम करना समझदारी हो सकती है, खासकर जहां स्टाम्प ड्यूटी छूट हो। लेकिन इसे सावधानी, पूरी पारदर्शिता और कानूनी सलाह के साथ करना जरूरी है ताकि आपको बाद में किसी तरह की परेशानी न हो।

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