
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का असर भारत के पोल्ट्री कारोबार और आम लोगों तक पहुंच गया है। ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद भारत से अमेरिका निर्यात होने वाले करीब 20 करोड़ रुपये मूल्य के 1.20 करोड़ अंडों की सप्लाई अटक गई है। इस वजह से मुर्गीपालन से जुड़े कारोबारी भारी चिंतित हैं और घरेलू बाजार में इस अधिशेष अंडे को बेचने की रणनीति बना रहे हैं।
भारत में अंडा उत्पादन का प्रमुख केंद्र नमक्कल
तमिलनाडु के नमक्कल क्षेत्र को देश के प्रमुख पोल्ट्री हब के रूप में जाना जाता है, जहां रोजाना 8 करोड़ से ज्यादा अंडे का उत्पादन होता है। इनमें से लगभग 7 करोड़ अंडों की सप्लाई पूरे तमिलनाडु及 अन्य राज्यों में की जाती है, जबकि लगभग 80 लाख अंडों का निर्यात मध्य पूर्व सहित कई अरब देशों को होता है। जून की शुरुआत में नमक्कल ने पहली बार 1.20 करोड़ अंडे अमेरिका भेजे थे, जो स्थानीय अंडा किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि थी।
टैरिफ बढ़ने से निर्यात ठप, आर्थिक नुकसान
ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया। इस फैसले के कारण 1.20 करोड़ अंडों की खेप अमेरिका नहीं भेजी जा सकी। अंडों के घरेलू मूल्य लगभग 4.50 रुपये प्रति पीस हैं, जबकि अमेरिका तक पहुँचाने का खर्च लगभग 7.50 रुपये प्रति पीस है और वहां की कीमत 15 रुपये प्रतियता की उम्मीद थी। अब इस टैरिफ के चलते अंडा निर्यात में भारी गिरावट आएगी।
कारोबारी बना रहे घरेलू बाजार में बिक्री की योजना
नमक्कल अंडा निर्यातक संघ के अध्यक्ष वांगिली सुब्रमण्यम ने कहा कि यह टैरिफ व्यापारियों के लिए बड़ी बाधा है, लेकिन अभी यह कुल उत्पादन का छोटा हिस्सा है इसलिए कुल उद्योग पर प्रभाव सीमित रह सकता है। उन्होंने बताया कि वे बची खेप को घरेलू बाजार में बेचने की तैयारी कर रहे हैं ताकि नुकसान कम किया जा सके।
विशेषज्ञों की राय
उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि भले ही यह खेप रूके रहने से नुकसान होगा, लेकिन नमक्कल की मजबूत घरेलू मांग और मध्य पूर्व में स्थापित निर्यात चैनल इस झटके को सहन कर पाएंगे। फिर भी इसका असर पोल्ट्री उद्योग और निर्यात रणनीतियों पर पड़ेगा।
ट्रंप नीति से व्यापार में असमंजस
ट्रंप की टैरिफ नीति ने पोल्ट्री उत्पाद निर्यातकों में अमेरिका के साथ भविष्य के व्यापार को लेकर असमंजस पैदा कर दिया है। फिलहाल किसान और व्यापारी भारत के परंपरागत बाजारों पर ध्यान दे रहे हैं, साथ ही वे अमेरिकी नीतियों में किसी भी सकारात्मक बदलाव के लिए बारीकी से नजर बनाए हुए हैं ताकि भविष्य में निर्यात के द्वार दोबारा खुल सकें।
संक्षेप में, ट्रंप टैरिफ के कारण भारत से अमेरिका के लिए अंडों की सप्लाई बाधित हुई है, जिससे पोल्ट्री व्यापारियों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। घरेलू बाजार में बढ़े अंडों के स्टॉक से कीमतों में प्रभाव और सप्लाई चेन पर असर देखने को मिल सकता है, जबकि अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए ब्रेकफास्ट में अंडे की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।