
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमित शाह को देश के सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री पद संभालने पर बधाई दी, साथ ही कहा कि यह तो बस शुरुआत है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में तेज हलचल मच गई है और यह चर्चा तेज हो गई है कि मोदी ने अपना उत्तराधिकारी तय कर लिया है।
अमित शाह ने 30 मई 2019 से गृह मंत्री का पदभार संभाला है और मंगलवार को उनका कार्यकाल 2,258 दिन पूरा हुआ, जिससे उन्होंने पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। यह अभूतपूर्व कार्यकाल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की छठी वर्षगांठ के लगभग मेल खाता है, जिसमें अमित शाह की मुख्य भूमिका रही।
एनडीए की संसदीय बैठक में मोदी ने अमित शाह की जमकर प्रशंसा की और कहा, “यह तो बस शुरुआत है, हमें अभी बहुत आगे जाना है,” जो साफ संकेत है कि अमित शाह के लिए अभी लंबा राजनैतिक सफर बाकी है और शायद वे पार्टी के अगला प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं।
इस समय आरएसएस अपने संगठन में नए बदलावों पर जोर दे रहा है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि नेताओं को एक निश्चित उम्र के बाद नई पीढ़ी के लिए रास्ता देना चाहिए। भाजपा में 75 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु लागू है, जिससे पार्टी के कई वरिष्ठ नेता धीरे-धीरे पीछे हट रहे हैं। आरएसएस अगले भाजपा अध्यक्ष के तौर पर भी एक मजबूत और प्रभावशाली नेता को लेना चाहता है, जिससे पार्टी में गतिरोध को खत्म किया जा सके।
एक बीजेपी सांसद के मुताबिक, मोदी ने साफ संकेत दिया है कि अमित शाह उत्तराधिकारी के रूप में योग्य हैं क्योंकि वे अभी मात्र 60 वर्ष के हैं और उनके सामने एक लंबा राजनीतिक सफर है। हालांकि, पीएम मोदी के इस बयान को कुछ नेताओं ने एक सामूहिक संदेश बताया है, जो पूरे पार्टी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
इसी क्रम में, संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के सवालों के जवाब लोकसभा में पीएम मोदी देते रहे लेकिन राज्यसभा में अमित शाह की जिम्मेदारी देखी गई, जो भी मोदी के उत्तराधिकारी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
इस ताजा घटनाक्रम के साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई संभावित दावेदार भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर माने जा रहे हैं। झारखंड के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी ऐसे ही इशारे किए हैं।
इस प्रकार, बीजेपी के अंदर अब सियासी नेतृत्व में बड़े बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं और अमित शाह को लगभग फाइनल प्रधानमंत्री उम्मीदवार माना जाने लगा है। आगामी महीनों में राजनीतिक पटल पर इस मसले पर और भी अधिक जोरदार हलचल की संभावना है।