उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख घोषित! 9 सितंबर को वोटिंग, उसी दिन सामने आएगा नया चेहरा

उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख घोषित! 9 सितंबर को वोटिंग, उसी दिन सामने आएगा नया चेहरा

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होंगे। उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना 7 अगस्त को जारी की जाएगी और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त होगी।

नतीजे मतदान के दिन यानी 9 सितंबर को ही घोषित किए जाएंगे। जगदीप धनखड़ के 22 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद यह पद रिक्त हो गया था।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत निर्वाचन आयोग भारत के उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव कराता है। इसमें संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य, राज्यसभा के मनोनीत सदस्य और लोकसभा के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। इसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम की बात करें तो 1974 के नियम 40 के अनुपालन में निर्वाचन आयोग को इस निर्वाचक मंडल के सदस्यों की एक अद्यतन सूची, उनके नवीनतम पते सहित, तैयार करने और बनाए रखने का अधिकार है।

इससे पहले चुनाव आयोग ने बताया था कि उसने उप राष्ट्रपति चुनाव, 2025 के लिए निर्वाचक मंडल की सूची को अंतिम रूप दे दिया है। इन सदस्यों को एक सतत क्रम में सूचीबद्ध किया गया है। सभी सदस्यों को वर्णमाला क्रम में उनके संबंधित सदनों के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के आधार पर व्यवस्थित किया गया है।

धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था
इससे पहले धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनके कार्यकाल की समाप्ति में अभी दो साल से ज्यादा का समय बाकी था। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने इस्तीफे में लिखा, ‘स्वास्थ्य का ध्यान रखने और चिकित्सकों की सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।’

नए उपराष्ट्रपति के पास पूरे पांच साल का कार्यकाल
धनखड़ के इस्तीफे के दो दिन बाद ही चुनाव आयोग ने नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। हालांकि, धनखड़ ने अपने पांच साल के कार्यकाल के केवल दो साल के भीतर इस्तीफा दिया, फिर भी उनके उत्तराधिकारी को पूरा पांच साल का कार्यकाल मिलेगा, न कि शेष बचा हुआ समय।

ऐसा है दोनों सदनों का गणित
आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को स्पष्ट बढ़त हासिल है। 543 सदस्यीय लोकसभा में पश्चिम बंगाल के बशीरहाट की एक सीट रिक्त है, जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में पांच रिक्तियां हैं। राज्यसभा की पांच रिक्तियों में से चार जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से है। पंजाब की यह सीट पिछले महीने हुए उपचुनाव में राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। दोनों सदनों की प्रभावी सदस्य संख्या 782 है और जीतने वाले उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी, बशर्ते सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

राजनीतिक दलों का गणित
लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में 129 सदस्यों (प्रभावी सदस्य संख्या 240) का समर्थन प्राप्त है, बशर्ते कि मनोनीत सदस्य राजग उम्मीदवार के समर्थन में मतदान करें। सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। संविधान के अनुच्छेद 66 (1) में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा तथा ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त मतदान द्वारा होगा। इस प्रणाली में मतदाता को उम्मीदवारों के नाम के सामने अपनी प्राथमिकताएं अंकित करनी होती हैं।

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