नई दिल्ली: NEET UG 2024 पेपर लीक मामले के कथित मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को ज़मानत मिल गई है। संजीव मुखिया पिछले 90 दिनों से न्यायिक हिरासत में थे, लेकिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) उनके खिलाफ तय समय-सीमा में चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई।
शुक्रवार को CBI की एक विशेष अदालत ने संजीव मुखिया को ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

क्यों मिली ज़मानत?
CBI की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत में संजीव मुखिया की ओर से एक आवेदन दाखिल किया गया था। इसमें कहा गया कि अभियुक्त 90 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं, लेकिन CBI ने अभी तक उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने संजीव मुखिया को ज़मानत पर छोड़ने का आदेश दे दिया। संजीव मुखिया 1 मई 2025 से जेल में बंद थे।
NEET UG 2024 पेपर लीक: अब तक की जांच
- परीक्षा और गड़बड़ी: 5 मई 2024 को NEET UG 2024 की परीक्षा हुई थी। इस दौरान गड़बड़ी के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था और प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
- EOU को मामला: बाद में मामला आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को सौंप दिया गया, जिसने क्वेश्चन पेपर लीक होने का मामला उजागर किया।
- CBI को जांच: केंद्र सरकार ने इसकी जांच CBI को सौंप दी। 23 जून 2024 को CBI ने अपनी प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच शुरू की।
- गिरफ्तारियां और चार्जशीट: मामले में अब तक 49 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। CBI ने 1 जुलाई 2024 को 13 अभियुक्तों के खिलाफ ऑरिजिनल चार्जशीट दाखिल की थी। अब तक कुल 45 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। जांच के दौरान CBI ने संजीव मुखिया को पेपर लीक कांड में शामिल पाया था।
संजीव मुखिया को मिली इस ज़मानत से पेपर लीक मामले की जांच और उसके भविष्य पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है।