कहते हैं कि जब इंसान हर तरफ से निराश हो जाता है, तो उसे सिर्फ भगवान या ईश्वर ही याद आते हैं. तब धर्म और मज़हब की सीमाएं टूट जाती हैं और बच जाती है तो सिर्फ सच्ची आस्था. ऐसी ही एक दिल छू लेने वाली कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आई है, जो दिखाती है कि सच्ची श्रद्धा किसी भी बंधन से परे होती है.
क्या है पूरा मामला?
कानपुर की रहने वाली एक मुस्लिम महिला के परिवार का कोई सदस्य बहुत बीमार था. हालत इतनी गंभीर थी कि वो एक नर्सिंग होम में भर्ती थे और उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही थी. डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद, उम्मीद की किरणें धुंधली पड़ती जा रही थीं.
जिस अस्पताल में उनके परिजन भर्ती थे, ठीक उसी के पास भगवान शंकर का एक छोटा सा मंदिर था. मुश्किल की इस घड़ी में उस महिला की नज़र मंदिर पर पड़ी और उनके मन में एक आस जगी. उन्होंने धर्म की दीवारों से परे जाकर, सच्चे दिल से भगवान शिव से अपने परिजन की सलामती के लिए मन्नत मांगी. उन्होंने प्रार्थना की कि अगर उनके अपने ठीक हो गए, तो वो खुद मंदिर आकर पूजा करेंगी.

जब भगवान ने सुनी प्रार्थना
कहते हैं कि सच्ची प्रार्थना ज़रूर सुनी जाती है. हुआ भी कुछ ऐसा ही. भगवान शिव की कृपा से महिला के परिजन की हालत में सुधार होने लगा और कुछ ही समय में वो पूरी तरह से स्वस्थ हो गए.
अपनी मन्नत पूरी होने पर, वो महिला अपना वादा निभाने के लिए शिव मंदिर पहुंची. उन्होंने पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और उनका धन्यवाद किया.
वीडियो हुआ वायरल, लोगों ने की तारीफ
मंदिर में एक मुस्लिम महिला को पूजा करते देख, आस-पास के लोगों के लिए यह एक अनोखा और दिल को छू लेने वाला नज़ारा था. किसी ने इस पूरे पल का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. देखते ही देखते, यह वीडियो वायरल हो गया.
बताया जा रहा है कि यह वीडियो कानपुर के कल्याणपुर इलाके के अवंतीपुरम का है. इस वीडियो में सामाजिक सद्भाव और अटूट आस्था का एक खूबसूरत संदेश छिपा है. हालांकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इस वायरल वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है.
यह घटना इस बात का जीता-जागता सबूत है कि इंसानियत और विश्वास का रिश्ता हर धर्म और मज़हब से ऊपर होता है. जब बात किसी अपने की जान की हो, तो दुआ और प्रार्थना के लिए हर दरवाज़ा एक जैसा हो जाता है. कानपुर की इस महिला ने अनजाने में ही समाज को प्रेम और एकता का एक बड़ा संदेश दे दिया है.