₹5,500 गिरा सोने का रेट, इतना तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा! अब आगे क्या होगा? जानिए

₹5,500 गिरा सोने का रेट, इतना तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा! अब आगे क्या होगा? जानिए
Gold rate fell by ₹5,500, nobody would have imagined this much! What will happen next? Know here

Gold Price Fall : पिछले कुछ समय से सोने के दामों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. MCX पर सोने के रेट अब तक की रिकॉर्ड हाई से करीब 5 प्रतिशत या 5,448 रुपये प्रति 10 ग्राम नीचे आ चुके हैं. शुक्रवार को सोने का रेट 1,457 रुपये गिरकर 95,630 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. 16 जून को सोना अपने सबसे ऊंचे रेट पर था. उस दिन यह 1,01,078 तक गया था, लेकिन उसके बाद से इसमें 5 फीसदी की गिरावट आई है.

इस गिरावट की एक बड़ी वजह ये है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वह ऐलान, जिसमें उन्होंने ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे युद्ध के खत्म होने की घोषणा की थी. जब युद्ध चल रहा था, तब सोने की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ी थीं, क्योंकि उस समय निवेशक डर और अनिश्चितता के माहौल में सुरक्षित इन्वेस्टमेंट खोज रहे थे, और ऐसे समय में सोना सबसे सेफ ऑप्शन होता है. लेकिन जैसे ही ये युद्ध खत्म हुआ, और शेयर मार्केट में तेजी आई तो निवेशकों का रुझान सोने से हटकर शेयरों की तरफ चला गया.

सोने के भाव पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट में आस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन और इंडिया बुलियन एंड ज्लैवर्स एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज के अनुसार, मिडल ईस्ट में तनाव कम होने और ट्रेड डील्स को लेकर पॉजिटिव माहौल बनने से लोग अब सेफ इन्वेस्टमेंट (जैसे सोना) की तरफ कम ध्यान दे रहे हैं. इस वजह से सोने के रेट पर दबाव बना हुआ है और यह एक सीमित रेंज में हल्की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है. हालांकि सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी और आने वाला त्योहारों का सीजन कीमतों को ज्यादा गिरने से रोक सकता है, लेकिन निकट भविष्य में दाम तेजी से बढ़ने की संभावना कम दिख रही है.

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मेहता इक्विटीज़ के कमोडिटी वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलंत्री के मुताबिक, इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में बढ़त दर्ज की गई, जिसकी वजह है US डॉलर इंडेक्स का गिरना. डॉलर का रेट 3.5 साल के सबसे निचले स्तर 97 से नीचे चला गया है. इसके अलावा अमेरिका की पहली तिमाही की GDP में 0.5 फीसदी की गिरावट भी गोल्ड प्राइस को सपोर्ट दे रही है. फिर भी मिडल ईस्ट में तनाव कम होने और ग्लोबल शेयर बाजार में रिकवरी के चलते सोने की कीमतें ज्यादा ऊपर नहीं जा पाईं.

रुपये में देखें तो गोल्ड को 96,650 से 96,480 रुपये के बीच सपोर्ट मिल रहा है और 97,350 से 97,600 रुपये के बीच रेसिस्टेंस है. इंटरनेशनल लेवल पर सपोर्ट 3288 से 3265 डॉलर और रेसिस्टेंस 3330 से 3345 डॉलर के बीच है.

गोल्ड इनवेस्टमेंट : लॉन्ग टर्म में क्या है सीन
बैंक ऑफ अमेरिका ने लंबी अवधि के नजरिए से गोल्ड को लेकर पॉजिटिव अनुमान जताया है. फिलहाल गोल्ड का इंटरनेशनल रेट करीब 3,330 डॉलर प्रति आउंस है, जो पिछले एक साल में 40 फीसदी तक बढ़ चुका है. बैंक का मानना है कि अगले साल तक गोल्ड का दाम 4,000 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच सकता है, यानी लगभग 20 फीसदी और बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि उनका यह भी कहना है कि युद्ध या जियोपॉलिटिकल कॉन्फ्लिक्ट गोल्ड के रेट को लंबे समय तक नहीं बढ़ा सकते.

गोल्ड की कीमतों में पिछले तीन सालों से लगातार तेजी देखने को मिल रही है. इस साल इसमें 45 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है, जबकि पिछले दो सालों में यह 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ा था. अगर पिछले 10 साल का रिटर्न देखें तो गोल्ड ने करीब 180 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है, जो इसे एक मजबूत लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बनाता है.