
दुनिया के हर इंसान को हर दिन कम से कम दो लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है. कहते हैं कि पानी पीने से बॉडी के टॉक्सिन्स फ्लश आउट हो जाते हैं. पानी पीने से स्किन भी ग्लो करती है, ऐसा भी कहा जाता है. लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया है कि जब आप ज्यादा पानी पीते हैं तो आपके बाथरुम के चक्कर बढ़ जाते हैं. जी हां, बॉडी को जब पानी पर्याप्त मात्रा में मिलता है, तो बॉडी अंदर के सारे टॉक्सिन्स को टॉयलेट के रुप में बाहर कर देता है. लेकिन क्या हो अगर कोई पानी तो खूब पिए लेकिन उसे टॉयलेट ही ना लगे.
लंदन की रहने वाली 30 साल की एल्ले एडम्स के साथ ऐसा ही कुछ हुआ. एल्ले बीते चौदह महीने से टॉयलेट नहीं कर पाई है. भले ही उसका कितना ही मन करता है बाथरुम जाकर हल्का हो लेने का. लेकिन वो चाहकर भी टॉयलेट नहीं कर पा रही है. अब 14 महीने के बाद उसे काफी गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाया गया, जहां पता चला कि उसे काफी रेयर बीमारी है. इस रेयर कंडीशन की वजह से उसे बाथरुम हो ही नहीं पा रहा है.
एक रात में बदल गई जिंदगी
एल्ले ने अपनी स्टोरी डेली स्टार के साथ शेयर की. उसने बताया कि अचानक अक्टूबर 2020 में एक सुबह वो उठी. रात तक सब नार्मल था. लेकिन सुबह जब वो टॉयलेट करने गई तो उससे कुछ हो नहीं पाया. वो चाहे जितनी कोशिश कर रही थी, टॉयलेट पास ही नहीं हो रहा था. उसने ढेर सारा पानी पिया. फिर भी बाथरुम नहीं कर पाई. इसके बाद वो अस्पताल गई, जहां डॉक्टर्स ने पाया कि उसकी पेशाब की थैली में एक लीटर सूसू अटका हुआ था. इसके बाद उसे इमेजेंसीं कैथिटर लगा दिया गया.
बिना मदद के नहीं कर पाती सूसू
एल्ले ने अपनी स्थिति के बारे में बताया कि जो काम पहले उसे काफी आसान लगता था, आज वो इतना मुश्किल हो चुका है. उसे डॉक्टर्स ने सेल्फ कैथराइज करना सीखा दिया है. बिना इक्विपमेंट्स के वो बाथरुम नहीं कर पाती. इस घटना के आठ महोने बाद जब एल्ले वापस यूरोलॉजी डिपार्टमेंट गई, तब उसे पता चला कि असल में इसे Fowler सिंड्रोम है. ये कई महिलाओं को उनके बीस या तीस के पड़ाव पर होता है. एल्ले के ऊपर कई टेस्ट्स हुए जिसमें ये साफ़ हुआ कि अब जिंदगी भर उसे कैथरर के सहारे ही सूसू करना पड़ेगा. हालांकि, हाल ही में एक सर्जरी करवाकर एल्ले ने कुछ समय के लिए कैथरर से आजादी ले ली है.