Narendra Modi: पीएम मोदी ने मंगलवार (24 जून) को दिल्ली के विज्ञान भवन में श्री नारायण गुरुदेव और महात्मा गांधी के बीच ऐतिहासिक बातचीत के शताब्दी समारोह की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि दुनिया ने हाल ही में यह भी देखा है कि भारत की क्षमताएं क्या हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए कोई जगह सुरक्षित नहीं है। आज का भारत राष्ट्रहित में जो सही है, उसके हिसाब से कदम उठाता है।
शिक्षा नीति को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने इतने दशकों के बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू की है। नई शिक्षा नीति न केवल एजुकेशन को आधुनिक और समावेशी बनाती है, बल्कि मातृभाषा में पढ़ाई को भी बढ़ावा देती है। इसका सबसे ज्यादा फायदा पिछड़े वर्गों को प्राप्त हो रहा है। भारत को मजबूत बनाने के लिए आर्थिक, सामाजिक हो या सैन्य हर क्षेत्र में हमें आगे रहना होगा। आज भारत इसी तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। देश तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की अग्रसर हो रहा है।

श्री नारायण गुरुदेव और महात्मा गांधी के बारे में क्या बोले पीएम?
श्री नारायण गुरुदेव और महात्मा गांधी के बारे में उन्होंने कहा कि आज यह परिसर देश के इतिहास की एक अभूतपूर्व घटना का स्मरण कर रहा है। एक ऐतिहासिक घटना, जिसने न सिर्फ हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी, बल्कि आजादी के उद्देश्य को भी नया अर्थ दिया। 100 साल पहले श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की वो मुलाकात आज भी उतनी ही प्रेरक और प्रासंगिक है। 100 साल पहले की वो मुलाकात आज भी सामाजिक समरसता के लिए, विकसित भारत के सामूहिक लक्ष्यों के लिए ऊर्जा के स्रोत की तरह है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि श्री नारायण गुरु के आदर्श पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी पूंजी हैं। जो लोग देश और समाज की सेवा के संकल्प के साथ काम करते हैं, श्री नारायण गुरु उनके लिए प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। भारत की विशेषता यह है कि जब भी हमारा देश मुश्किलों के भंवर में फंसता है, तो देश के किसी न किसी कोने में कोई महान व्यक्तित्व जन्म लेता है और समाज को नई दिशा दिखाता है। कोई समाज के आध्यात्मिक उत्थान के लिए काम करता है, तो कोई सामाजिक क्षेत्र में सामाजिक सुधारों को गति देता है।
‘हमारे प्रयासों में वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा’
उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने विश्व योग दिवस मनाया। इस बार योग दिवस की थीम ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ यानी एक धरती एक स्वास्थ्य थी। इससे पहले भी भारत ने विश्व कल्याण के लिए ‘वन वर्ल्ड, वन हेल्थ’ जैसी पहल की है। आज भारत सतत विकास की दिशा में वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड जैसे वैश्विक आंदोलनों का नेतृत्व कर रहा है। जब भारत ने 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन का नेतृत्व किया था, तो थीम वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर थी। वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा हमारे इन्हीं प्रयासों से जुड़ी हुई है।