
हिंदू धर्म और आयुर्वेद के अनुसार सुबह जल्दी उठना और ब्रह्म मुहूर्त में किए गए काम जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। सूर्योदय से करीब डेढ़ घंटे पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त आध्यात्मिक और मानसिक रूप से बहुत शुभ माना जाता है।
इस समय की गई साधना, प्रार्थना और अन्य सकारात्मक गतिविधियां मन, शरीर और आत्मा को उन्नति की ओर ले जाती हैं। सुबह देर से सोने वाले लोगों को अक्सर अपने जीवन में आलस्य, नकारात्मकता और असफलता का सामना करना पड़ता है। वहीं, जो लोग समय पर उठते हैं और कुछ खास काम करते हैं, उन्हें अपने जीवन में सौभाग्य और शांति का वरदान मिलता है।
करें ये तीन काम
इस लेख में हम तीन बहुत ही सरल लेकिन चमत्कारी कार्यों की चर्चा करेंगे, जिन्हें सुबह उठते ही बिना नहाए किया जा सकता है और जिनमें आपकी जिंदगी बदलने की ताकत है। सुबह आँख खुलते ही सबसे पहले अपनी हथेलियाँ देखें और इस मंत्र का जाप करें। ‘कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविंद, प्रभाते करदर्शनम्॥’ हिंदू मान्यता के अनुसार हमारी हथेलियों में तीन प्रमुख देवता निवास करते हैं।
क्या है हथेली देखने का मतलब?
हथेली के अग्र भाग में माँ लक्ष्मी निवास करती हैं जो धन और समृद्धि की प्रतीक हैं। हथेली के मध्य भाग में माँ सरस्वती निवास करती हैं जो ज्ञान और विद्या प्रदान करती हैं। हथेली के मूल में भगवान विष्णु निवास करते हैं जो जीवन के पालनहार हैं। इस मंत्र का जाप करते हुए हथेलियों को देखने से मन में आस्था, विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह अभ्यास दिन के कार्यों में सफलता और उत्साह प्रदान करता है।
शुक्र पर्वत पर इत्र लगाना
हथेली के नीचे अंगूठे के पास वाले भाग को शुक्र पर्वत कहा जाता है। यह शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो जीवन में सुंदरता, प्रेम, समृद्धि और सुख-सुविधाओं से जुड़ा है। सुबह उठकर बिना स्नान किए अपनी दाहिनी हथेली के शुक्र पर्वत पर थोड़ा सा सुगंधित इत्र लगाएं।
क्या है लाभ?
शुक्र की कृपा मिलती है।
दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
व्यक्तित्व आकर्षक बनता है और दिनभर मानसिक शांति बनी रहती है।
यह उपाय उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिनकी कुंडली में शुक्र दोष है या जिनके दांपत्य जीवन में परेशानियां आ रही हैं।
गुड मॉर्निंग मंत्र का जाप
सुबह उठकर बिना स्नान किए इस गुड मॉर्निंग मंत्र का जाप करें
ब्रह्मा मुरारीस्त्रिपुरंतकारी भानुः शशि भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम॥
मंत्र का क्या है अर्थ?
ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु, ये सभी देवता और ग्रह आज की सुबह और दिन को मेरे लिए शुभ बनाएं। इससे आपको सभी नौ ग्रहों का आशीर्वाद मिलता है। ग्रह दोष शांत होंगे और आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ेगा। दिनभर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी। सुबह का समय न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन की दिशा और सफलता को भी प्रभावित करता है। इन तीन सरल अभ्यासों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप जीवन में सुख, शांति और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं।
Disclaimer:इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।