यूक्रेन के घातक ड्रोन हमले के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के मायने बदल गए हैं. जहां NATO देश रूस खतरे से निपटने की तैयारियों में जुट गए हैं, वहीं उत्तर कोरिया के किम जोंग का एक बार फिर पुतिन प्रेम सामने आया है.
उत्तर कोरिया तीन साल से ज्यादा समय से यूक्रेन पर आक्रमण के दौरान मास्को के मुख्य सहयोगियों में से एक बन गया है, जिसने रूस के कुर्स्क सीमा क्षेत्र से यूक्रेनी सेना को बाहर निकालने में क्रेमलिन की मदद करने के लिए हजारों सैनिकों और हथियारों से भरे कंटेनर भेजे हैं.
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एक बार फिर किम ने रूस के सीनियर सिक्योरिटी अधिकारी सर्गेई शोइगू से मुलाकात के बाद किम ने कहा कि प्योंगयांग यूक्रेनी मुद्दे के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मुद्दों पर रूस के रुख और उसकी विदेश नीतियों का बिना शर्त समर्थन करेगा.
उत्तर कोरिया ने यकीन दिखाया कि रूस हमेशा की तरह न्याय के पवित्र मामले में निश्चित रूप से विजय प्राप्त करेगा. सरकारी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों देशों ने संबंधों को गतिशील रूप से विस्तारित करने पर सहमति जताई है.
रूस उत्तर कोरिया में रक्षा समझौता
रूस और उत्तर कोरिया ने पिछले साल एक व्यापक सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें पारस्परिक रक्षा प्रावधान भी शामिल है. यह समझौता रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन की परमाणु-सशस्त्र संपन्न उत्तर कोरिया की दुर्लभ यात्रा के दौरान किया गया था.
जिसके बाद से कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन से लड़ने के लिए उत्तर कोरिया ने अपने सैनिक भेजे हैं. मार्च में अपनी यात्रा के दौरान शोइगु ने इस समझौते की सराहना करते हुए कहा था कि यह ‘दोनों देशों के हितों को पूरी तरह पूरा करता है’.
दक्षिण कोरियाई सांसद ली सियोंग-क्वेन ने देश की खुफिया सेवा के हवाले से बताया कि रूस के लिए लड़ते हुए लगभग 600 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं.
उत्तर कोरिया ने भेजे सैनिक
अप्रैल में उत्तर कोरिया ने पहली बार माना था कि उसने यूक्रेन में मास्को के युद्ध में सहायता के लिए रूस में अपने सैनिक भेजे हैं और स्वीकार किया था कि युद्ध में उसके सैनिक मारे गये थे.