
भारतीय थाली में चावल का खास स्थान है. चाहे दाल-चावल हो या खिचड़ी या फिर पुलाव, चावल लगभग हर घर में रोज खाया जाता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर चावल को गलत तरीके से खाया जाए तो यह डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. कई बार लोग चावल को हेल्दी मानकर बड़ी मात्रा में खा लेते हैं, जबकि इससे शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है.
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है. खासतौर पर हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले फूड्स (जैसे कि सफेद चावल) शरीर में ग्लूकोज को तेजी से बढ़ाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि चावल को न सिर्फ सीमित मात्रा में खाएं, बल्कि उसे खाने का तरीका भी सही हो. आइए जानते हैं एक्सपर्ट की सलाह कि डायबिटीज मरीजों को चावल कैसे और कितनी मात्रा में खाना चाहिए.
गलत तरीके से चावल खाना क्यों है खतरनाक?
डायटीशियन डॉ. रश्मि शर्मा के अनुसार, सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है और यह जल्दी पच जाता है, जिससे शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है. यदि आप चावल को अकेले या अधिक मात्रा में खाते हैं, तो यह ग्लूकोज स्पाइक का कारण बन सकता है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए खतरनाक है.
डायबिटीज मरीजों को कैसे चावल खाना चाहिए?
* सफेद चावल की जगह, ब्राउन राइस या रेड राइस को चुनें, क्योंकि इनमें फाइबर अधिक होता है और ये धीरे-धीरे पचते हैं.
* चावल को दाल, सब्जी या दही के साथ खाएं, ताकि उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाए.
* चावल की मात्रा एक कटोरी से ज्यादा न हो, और कोशिश करें कि दिन में एक ही बार खाएं.
* चावल के साथ प्रोटीन और फाइबर जोड़ना जरूरी है, ताकि ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहे.
* चावल खाने के बाद कुछ देर हल्की वॉक जरूर करें, जिससे शुगर लेवल बैलेंस बना रहे.