सिद्धिविनायक मंदिर में नारियल- माला और प्रसाद चढ़ाने पर लगी रोक, क्या बताई ˒

सिद्धिविनायक मंदिर में नारियल- माला और प्रसाद चढ़ाने पर लगी रोक, क्या बताई ˒
There is a ban on offering coconut, garland and prasad in Siddhivinayak temple from May 11, what is the reason given?

Siddhivinayak temple ban prasad for security: मुंबई के प्रभादेवी इलाके स्थित प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की. मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा कारणों से 11 मई से मंदिर में नारियल, माला और प्रसाद चढ़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है. भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके.’ सिद्धिविनायक मंदिर गणपति बप्पा के भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है, रोजाना हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. यहां भक्त अपनी मनोकामनाओं के लिए बप्पा के दर्शन करने आते हैं. लेकिन अब, मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को बिना किसी हार-माला, नारियल या प्रसाद के दर्शन करने होंगे. मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है. मंदिर परिसर में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा जांच को और प्रभावी बनाने के लिए यह कदम जरूरी था.

सुरक्षा के लिए मंदिर प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला
मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है. कई भक्तों का कहना है कि भगवान के दर्शन के लिए केवल साफ मन और सच्ची श्रद्धा की आवश्यकता होती है. एक श्रद्धालु ने कहा, “बप्पा के सामने मन की शुद्धता ही सबसे बड़ी भेंट है. सुरक्षा के लिए मंदिर प्रशासन का यह फैसला स्वागत योग्य है.”

श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस नए नियम का पालन करें
श्रद्धालु सुनीता शर्मा ने बताया, “हमें बप्पा के दर्शन से ही सुकून मिलता है. अगर सुरक्षा के लिए यह नियम बनाया गया है, तो हम इसका सम्मान करते हैं.” मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस नए नियम का पालन करें और मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचें. इसके साथ ही, मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है और प्रवेश द्वार पर कड़ी जांच की जा रही है. यह निर्णय न केवल सिद्धिविनायक मंदिर की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है. सिद्धिविनायक मंदिर में बप्पा के दर्शन के लिए अब भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ है और वे इस बदलाव के साथ अपनी आस्था को और मजबूत कर रहे हैं.

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