खुलकर नहीं, रुक-रुक कर आता है पेशाब? इसके पीछे हो सकते हैं ये 4 ˒

खुलकर नहीं, रुक-रुक कर आता है पेशाब? इसके पीछे हो सकते हैं ये 4 ˒
Urine comes intermittently and not freely? These 4 major reasons can be behind it

Intermittent Urination: हमारे शरीर के लिए पेशाब आना एक बेहद जरूरी और नेचुरल प्रोसेस है. यह हमारे शरीर से टॉक्सिन्स और बचे हुए पानी को बाहर निकालता है. आमतौर पर पेशाब खुलकर एक बार में हो जाता है, लेकिन कुछ लोगों को शिकायत होती है, कि उन्हें रुक-रुक कर पेशाब आ रहा, खुलकर एक बार में नहीं निकल रहा या पेशाब करने में समय लग रहा है. अगर ऐसे कभी-कभी होता है, तो यह ज्यादा गंभीर नहीं है. लेकिन अगर लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है, तो यह कई सेहत से जुड़ी समस्याओं का कारण हो सकती है. इस खबर में हम आपको ऐसे ही गंभीर बीमारियों के बारे में बताएंगे, जो रुक-रुक पेशाब आने का कारण हो सकती है.

प्रोस्टेट ग्लैंड का बढ़ना
पुरुषों में उम्र के साथ पेशाब रुक-रुक कर होने की समस्या हो सकती है, यह प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने के कारण होता है. दरअसल उम्र के साथ पुरुषों के प्रोस्टेट ग्लैंड का साइज बढ़ जाता है, जिसे Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) कहते हैं. इसमें प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ता है, जिससे यूरेथ्रा पर दवाब पड़ता है. इससे पेशाब धार स्लो हो जाता है और रुक-रुक कर आता है. इसके कई लक्षण हो सकते हैं- जैसे- बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में, पेशाब करते समय रुकावट. ऐसे कंडीशन में तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.

यूरेथ्रा में रुकावट या UTI
यूरेथ्रा में सूजन रुकावट या इंफेक्शन के कारण भी पेशाब की धार रुक-रुक कर आती है. ऐसी स्थिति में पेशाब करते समय जलन, पेशाब में बदबू या रंग बदलना, अधूरा पेशाब होना जैसी समस्या हो सकती है. अगर आपको भी ऐसा महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.

पथरी
किडनी या ब्लैडर में पथरी होने पर पेशाब रुक-रुक कर आ सकता है. दरअसर पथरी के कारण यूरेथ्रा में रुकावट हो जाती है, जिससे पेशाब की धार रुक रुक कर आती है. किडनी या ब्लैडर में पथरी में कभी-कभी पेशाब के साथ ही पथरी बाहर की ओर खिसकने लगती है, जिससे दर्द और रुकावट महसूस होती है. ऐसी स्थिति में तेज कमर या पेट दर्द, पेशाब के साथ खून आना, मतली या उलटी महसूस हो सकती है. इस कंडीशन में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए.

डायबिटीज और ब्लैडर डिसफंक्शन
डायबिटीज भी आपके पेशाब के फ्लो को प्रभावित कर सकती है. लंबे समय तक डायबिटीज की समस्या ब्लैडर की नसों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसे डायबिटिक सिसटोपैथी कहा जाता है. इससे पेशाब पूरी नहीं निकलता या बहुत धीरे-धीरे आता है. इस स्थिति में पूरी तरह से पेशाब नहीं निकलता. बहुत धीरे या रुक-रुक कर पेशाब आना, बार-बार यूरिन इंफेक्शन होना. अगर आपको भी ऐसा महसूस हो रहा है तो डॉक्टर की सलाह लें.

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