“साहब! मुझे बचा लीजिए… वो मुझे मार डालेंगे…” ये शब्द एक डरी-सहमी महिला के थे, जो हांफती हुई भिनगा कोतवाली पहुंची थी। महिला की हालत नाजुक थी, चेहरा डर से सूजा हुआ, आंखों में भय साफ नजर आ रहा था।
पुलिसकर्मियों ने उसे पानी पिलाया, कुर्सी पर बिठाया और जब उसने अपनी बात बताई, तो हर कोई हैरान रह गया।
जेठ की बर्बरता, डंडे से की पिटाई
यह दर्दनाक मामला श्रावस्ती जिले के मुंजेहना गांव का है। पीड़ित महिला का नाम राजकुमारी है, जो भिनगा कोतवाली क्षेत्र की निवासी है। उसने पुलिस को बताया कि 27 मई की रात उसके जेठ मिश्रीलाल ने लाठी-डंडों से सरेआम उसकी पिटाई की। पीड़िता ने पुलिस को एक वीडियो भी सौंपा है, जो घटना का स्पष्ट प्रमाण है और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति हाथ में डंडा लिए हुए महिला को गालियां दे रहा है और उसे मारने के लिए दौड़ता है। वीडियो में दो अन्य युवक भी नजर आते हैं जिनके हाथों में भी लाठियां हैं। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि वे महिला को बचाने आए थे या आरोपी के साथ थे।
“मुझे हमेशा परेशान करता है…”
राजकुमारी ने अपनी शिकायत में बताया कि उसका जेठ लगातार उसे परेशान करता है, ताने मारता है और छोटी-छोटी बातों पर झगड़ता है। 27 मई की रात को एक मामूली विवाद इतना बढ़ गया कि मिश्रीलाल ने उसे गंदी-गंदी गालियां दीं और मारपीट शुरू कर दी। महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे और किसी तरह बीच-बचाव करके उसकी जान बचाई।
महिला ने यह भी बताया कि पिटाई के बाद जब उसने पुलिस में शिकायत करने की बात कही, तो जेठ ने उसे जान से मारने की धमकी दी। “वो कहता है कि अगर थाने गई तो जान ले लूंगा,” पीड़िता ने कहा।
पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट, हो रही कार्रवाई
महिला की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की कानूनी जांच शुरू कर दी है। भिनगा कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पीड़ित महिला की शिकायत गंभीर है और वीडियो सबूत भी काफी ठोस हैं। मामले की जांच तेजी से की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वायरल वीडियो ने उठाए सवाल
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जनता में रोष है। वीडियो में महिला पर की गई बर्बरता साफ नजर आती है, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। कई स्थानीय लोगों ने महिला को न्याय दिलाने की मांग की है।
घरेलू हिंसा का बढ़ता चेहरा
यह मामला केवल एक महिला की पिटाई भर नहीं है, बल्कि यह घरेलू हिंसा के उन बढ़ते मामलों में से एक है, जिनमें परिवार के ही सदस्य महिला के सबसे बड़े शोषक बन जाते हैं। राजकुमारी का मामला एक उदाहरण है कि कैसे महिलाओं को घर की चारदीवारी में ही प्रताड़ना सहनी पड़ती है, और जब वे आवाज उठाती हैं तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती है।
क्या मिलेगा न्याय?
अब यह देखना बाकी है कि क्या इस मामले में राजकुमारी को इंसाफ मिलेगा? क्या उसके जेठ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी? या फिर यह भी एक और घरेलू हिंसा का मामला बनकर पुलिस फाइलों में दब जाएगा?
फिलहाल, पीड़ित महिला पुलिस सुरक्षा और न्याय की उम्मीद में है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, और मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई हो सकती है।
निष्कर्ष: घरेलू हिंसा को हल्के में लेना अब खतरनाक होता जा रहा है। अगर समय रहते दोषियों को सजा न मिले तो ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी नहीं जा सकती। समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों को न केवल सुरक्षा दी जाए, बल्कि दोषियों को कड़ी सजा भी दिलवाई जाए।