
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, द्विद्वादश योग जब बनता है जब दो ग्रह एक-दूसरे से बारहवें और दूसरे भाव में हो या फिर 30 डिग्री की दूरी पर हो.ऐसे में चलिए जानते हैं इस योग के बनने से किन 3 राशि वालों को विशेष लाभ होगा.
शनि-शु्क्र बनाएंगे अद्भुत योग
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि और शुक्र दोनों ग्रहों को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है. जहां शनि को कर्मफल दाता और अनुशासन का प्रतीक माना जाता है, वहीं शुक्र धन, वैभव, भोग-विलास और सौंदर्य का कारक ग्रह है. इन दोनों ग्रहों की चाल में जब विशेष प्रकार का संबंध बनता है, तो उसका गहरा असर 12 राशियों पर पड़ता है.
शनि का योग 3 राशियों के लिए खास
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस वक्त शनि मीन राशि में विराजमान हैं, जबकि शुक्र जून माह में मेष राशि में गोचर करेंगे. ऐसे में इन दो ग्रहों के 30 डिग्री पर होने से द्विद्वादश योग का निर्माण होगा. यह शुभ योग तीन राशियों के लिए वरदान के समान साबित हो सकता है.
मेष राशि
शुक्र के आपकी ही राशि में गोचर और शनि से बनता द्विद्वादश योग आपके लिए लाभकारी रहेगा. वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध बेहतर होंगे. शिक्षा में आ रही रुकावटें दूर होंगी. संतान संबंधी चिंताओं से राहत मिल सकती है. रुकी हुई योजनाएं आगे बढ़ेंगी और इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं. व्यापार में मुनाफे के अवसर मिलेंगे और आर्थिक स्थिति सुधरेगी. जीवन अधिक अनुशासित और संतुलित रहेगा.
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए यह योग विशेष रूप से शुभ रहेगा. करियर और बिजनेस में प्रगति के संकेत हैं. लंबे समय से रुके कार्य अब पूरे होंगे. समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है. पारिवारिक जीवन में सुख और शांति बनी रहेगी. विवाह योग्य जातकों को अच्छे प्रस्ताव मिल सकते हैं. धर्म-कर्म और आध्यात्मिक विषयों में रुचि बढ़ेगी. पार्टनर के साथ रिश्ते मधुर होंगे और छोटी यात्राओं के योग भी बन सकते हैं.
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए यह समय एक शुभ संकेत लेकर आ रहा है, खासकर जब शनि आपकी ही राशि में साढ़ेसाती के अंतिम चरण में हैं. वर्षों की मेहनत अब रंग ला सकती है. शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के योग हैं. कार्यक्षेत्र में मान्यता और प्रशंसा मिलेगी. मानसिक तनावों में कमी आएगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा. लंबे समय से अटकी योजनाएं अब गति पकड़ेंगी.