Ghaziabad police encounter: बीती रात गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में जो कुछ हुआ, उसने पुलिस और आम लोगों को एक बार फिर अपराध की भयावहता से रूबरू कराया। यह सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं थी, बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एक बहादुर कांस्टेबल की शहादत की दुखद गाथा बन गई।
कुख्यात अपराधी कादिर उर्फ मंटा की गिरफ्तारी के दौरान हुई हिंसक झड़प ने साबित कर दिया कि अपराधियों के हौसले आज भी बुलंद हैं।
आधी रात दबिश, अचानक मच गया कोहराम
रविवार की रात नोएडा के फेस-3 थाने की पुलिस को सूचना मिली कि लंबे समय से वांटेड कादिर अपने गांव नाहल में मौजूद है। करीब 12:30 बजे पुलिस टीम ने नाहल गांव में स्थित उसकी कोठी पर दबिश दी और उसे हिरासत में ले लिया। लेकिन गिरफ्तारी के बाद जो हुआ, उसने सबको हिला कर रख दिया।
जैसे ही पुलिस टीम कादिर को लेकर गांव से बाहर निकल रही थी, उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। उसकी आवाज़ सुनकर पहले से तैयार बैठे उसके आठ-दस साथियों ने पंचायत भवन के पास से पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। इसी दौरान अचानक फायरिंग शुरू हो गई।
कांस्टेबल सौरभ के सिर में लगी गोली, मौके पर ही शहीद
अचानक हुई इस हिंसा में नोएडा फेस-3 थाने में तैनात कांस्टेबल सौरभ कुमार को सिर में गोली लगी। साथी जवानों ने तुरंत सौरभ को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कांस्टेबल सौरभ मूल रूप से शामली जिले के रहने वाले थे। उनकी बहादुरी और बलिदान ने पूरे पुलिस महकमे को स्तब्ध कर दिया है।
कौन है कादिर उर्फ मंटा?
कादिर एक दुर्दांत अपराधी है, जिस पर लूट, रंगदारी, हथियारों की तस्करी सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसने लूट की रकम से अपने गांव में एक आलीशान कोठी बनवाई है जिसमें हाई-टेक सुरक्षा कैमरे और अन्य सुविधाएं मौजूद हैं। उसकी कोठी का मुख्य गेट दो बड़े CCTV कैमरों से लैस है, जिससे कोई भी बिना उसकी जानकारी के अंदर नहीं आ सकता।
मसूरी थाना पुलिस ने नोएडा के उपनिरीक्षक सचिन की तहरीर पर हत्या, जानलेवा हमला, पुलिस कार्य में बाधा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस अब अन्य हमलावरों की तलाश में जुट गई है। गाजियाबाद ग्रामीण के डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा, “घटना की जांच गंभीरता से की जा रही है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”