
ICSSR-स्प्रिंगर नेचर ने लॉन्च किया इंडिया रिसर्च टूर.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने सोमवार को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली में इंडिया रिसर्च टूर 2025 को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. स्प्रिंगर नेचर द्वारा भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इंडिया रिसर्च टूर का यह तीसरा एडिशन है. यह टूर 15 शहरों और 7 राज्यों के 29 संस्थानों से होकर गुजरेगा और रिसर्च को लेकर जागरूकता अभियान चलाएगा.
इस साल, यह टूर भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रमुख शिक्षण संस्थानों का दौरा करेगा, जिनमें इंजीनियरिंग, मेडिकल साइंस और मैनेजमेंट जैसे अलग-अलग विषय शामिल हैं.
इस दौरान टूर के सदस्य आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी गुवाहाटी, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (नई दिल्ली), आईआईएम कलकत्ता, आईआईएम लखनऊ और आईआईएम बोधगया जैसे शिक्षण संस्थानों के छात्रों और रिसर्च स्कॉलर से मिलेंगे.
पिछले दो वर्षों में स्प्रिंगर नेचर ने 25 शहरों और 15 राज्यों के 36 संस्थानों को कवर किया है और इन संस्थानों की 200 से अधिक महिला शोधकर्ताओं को उनके बहु-विषयक शोध में योगदान के लिए सम्मानित किया है.
महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर
इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा कि इंडिया रिसर्च टूर देश भर के शोधकर्ताओं से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण मंच है. यह शोध में महिलाओं को सपोर्ट करने, अकादमिक नैतिकता को मजबूत करने और अवसरों व संसाधनों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा.
उन्होंने कहा कि ज्ञान तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने, नैतिक शोध प्रथाओं को बढ़ावा देने और अगली पीढ़ी के स्कॉलर्स को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह पहल विकसित भारत के दृष्टिकोण में सीधे योगदान दे रही है.
टीयर टू-थ्री शहरों तक पहुंचने का टारगेट
आईसीएसएसआर के सदस्य सचिव प्रो धनंजय सिंह ने कहा कि इंडिया रिसर्च टूर देश भर के सामाजिक विज्ञान शोधकर्ताओं को जोड़ने और विभिन्न विषयों में संवाद एवं सहयोग को संभव बनाने की एक महत्वपूर्ण पहल है. विविध क्षेत्रों, खासकर भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों के संस्थानों के साथ जुड़कर अनुसंधान क्षमता को मजबूत करना है, जिससे समाज को व्यापक लाभ मिल सके.
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य टीयर टू और टीयर थ्री शहरों में स्थित शिक्षण संस्थानों तक पहुंचना है और रिसर्च की पद्धति के प्रति उनमें जागरूकता पैदा करना है.
ग्लोबल और लोकल प्रतिभा के बीच ब्रिज
स्प्रिंगर नेचर के सीईओ फ्रैंक व्रांकेन पीटर्स ने कहा कि हमें गर्व है कि हम रिसर्च स्कॉलर्स का समर्थन कर रहे हैं, उनकी रिसर्च को साझा करने में मदद कर रहे हैं, और दुनिया की तत्काल चुनौतियों के समाधान में तेजी लाकर प्रगति का हिस्सा बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि इंडिया रिसर्च टूर 2025 ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस और स्थानीय प्रतिभा के बीच एक सेतु का निर्माण करेगा. शिक्षा मंत्रालय और ICSSR के साथ हमारी साझेदारी के जरिए, हमारा उद्देश्य रिसर्च स्कॉलर्स को सशक्त बनाना, सहयोग को बढ़ावा देना और वैश्विक विज्ञान तथा अकादमिक क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को गति देना है
स्प्रिंगर नेचर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकटेश सर्वसिद्धि ने कहा कि पिछले दो वर्षों में, इंडिया रिसर्च टूर एक ऐसा अभियान बन गया है,जो शोधकर्ताओं के ज्ञान, नैतिकता और पहुंच के साथ जुड़ने के तरीके को बदल रहा है. उन्होंने कहा कि 2025 में, हम ओपन एक्सेस, ONOS और समावेशिता पर ध्यान देते हुए भारत के विविध और बढ़ते रिसर्च कम्यूनिटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहे हैं.
जानें ‘इंडिया रिसर्च टूर 2025’ का क्या है फोकस
- वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन के बारे में जागरूकता बढ़ाना और ओपन एक्सेस को बढ़ावा देना.
- रिसर्च में अखंडता और प्रकाशन में AI की भूमिका पर चर्चाएं करना.
- ‘हर रिसर्च, हमारा भविष्य’ जैसी पहलों के माध्यम से विविधता और समावेशन को उजागर करना.
- ज्ञान को लोकतांत्रिक बनाकर और उसकी पहुंच को मजबूत करके संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करना.