650 करोड़ के चालान! बेपरवाह ड्राइविंग कर रहे युवाओं ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, आंकड़े उड़ा देंगे होश

650 करोड़ के चालान! बेपरवाह ड्राइविंग कर रहे युवाओं ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, आंकड़े उड़ा देंगे होश

जयपुर: राजस्थान के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन हादसे हो रहे हैं। इन सड़क हादसों में कई लोग अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। ज्यादातर हादसे चालक की लापरवाही की वजह से होते हैं। वे यातायात नियमों की पालना नहीं करते हैं। ऐसे में चालक की लापरवाही की वजह से यात्रियों को भी जान गंवानी पड़ती है। राजस्थान ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से जारी एक रिपोर्ट में सामने आया है कि ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों में ज्यादातर लोग युवा वर्ग के हैं। वे ओवरस्पीड से वाहन चलाते हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग भी करते हैं और सीट बेल्ट लगाने एवं हेलमेट लगाने में भी लापरवाही करते हैं।

एक साल में 650 करोड़ रुपए के चालान काटे
राजस्थान की ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की एक रिपोर्ट से सामने आया है कि वर्ष 2024 में राज्य में 3,79,697 ई-चालान और 3,06,195 परिवहन टिकट जारी किए गए। इनका कुल मूल्य 650 करोड़ रुपए है। इनमें से 60 फीसदी चालान जमा हो चुके हैं जबकि 40% चालान (260 करोड़ रुपए) अभी भी बकाया हैं। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा जैसे शहरों में यातायात नियमों का उलंघन सबसे ज्यादा होता है। इन शहरों में सीसीटीवी और ई-चालान सिस्टम लागू करके यातायात नियमों की पालना कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

नियमों के उलंघन में युवा सबसे लापरवाह
तेज गति से वाहन चलाने, गाड़ी चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने और हेलमेट नहीं लगाने जैसे नियमों के उल्लंघन में सबसे ज्यादा लापरवाह युवा वर्ग है। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों पर गौर किया जाए तो ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों में 65 चालक 30 वर्ष से कम उम्र के हैं। यानी 18 से 30 वर्ग की आयु के युवा यातायात नियमों की अवहेलना ज्यादा करते हैं। इस आयु वर्ग में 40 फीसदी ओवर स्पीड, 20 फीसदी वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल और 15 फीसदी चालक ऐसे हैं जो बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के वाहन चलाते हुए पाए गए। कई मामले शराब पीकर वाहन चलाने के भी हैं।

ट्रैफिक नियमों का सर्वाधिक उल्लंघन जयपुर में
रिपोर्ट के मुताबिक यातायात नियमों के उल्लंघन में जयपुर शहर राजस्थान में टॉप पर है। वर्ष 2024 में जयपुर में कुल डेढ लाख से ज्यादा चालान काटे गए। यानी प्रदेश में काटे गए कुल चालान में से 40 फीसदी चालान जयपुर में हुए हैं। जोधपुर में करीब 80,000, उदयपुर में करीब 60,000 और कोटा में करीब 50,000 चालान काटे गए। ज्यादातर चालान ओवरस्पीड, रेड लाइट क्रॉस और बिना हेलमेट की वजह से काटे गए।

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