
अर्जुन देशपांडे ने उठाया ये कदम
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि अर्जुन देशपांडे के पास एक बिजनेस आइडिया था लेकिन उस आइडिया में निवेश करने और बिजनेस मॉडल बनाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। उन्होंने रतन टाटा से मदद मांगी। रतन टाटा ने न सिर्फ स्टार्टअप को फाइनेंस किया बल्कि जैसे चिड़िया अपने अंडे की देखभाल करती है वैसे ही इनक्यूबेशन देकर बिजनेस को खड़ा किया। आज अर्जुन देशपांडे की कंपनी जेनेरिक आधार 500 करोड़ की हो गई है। इसलिए रतन टाटा को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए अर्जुन देशपांडे ने अगले साल देश में कैंसर की दवाइयां बिना किसी लाभ के यानी सिर्फ लागत मूल्य पर ही मरीजों को बांटने का फैसला किया है।
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कैंसर के मरीजों को मुफ्त में बांटी दवाइयां
आज सर रतन टाटा की 87वीं जयंती पर अर्जुन देशपांडे ने 87 कैंसर मरीजों को मुफ्त दवाइयां बांटकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपनी पोस्ट में अर्जुन देशपांडे ने लिखा है कि मुझे अपने गुरु रतन सर से किया वादा याद है। मैं हर हाल में कैंसर मरीजों को सस्ती दवाइयां मुहैया कराऊंगा। अगले एक साल तक जेनेरिक आधार के जरिए कैंसर मरीजों को कैंसर की दवाइयां लागत मूल्य पर ही उपलब्ध कराई जाएंगी। अर्जुन देशपांडे ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि रतन सर कहते थे कि कैंसर की दवाइयां सिर्फ अमीरों के लिए नहीं होनी चाहिए। उनके जन्मदिन पर मैं समाज की इस भयानक समस्या को हल करने का संकल्प लेता हूं।
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