गुजरात के बनासकांठा में’ ऑनर किलिंग:’! ‘Save Me` मैसेज के बाद 18 साल की बेटी की पिता-चाचा ने की बेरहमी से हत्या

गुजरात के बनासकांठा में’ ऑनर किलिंग:’! ‘Save Me` मैसेज के बाद 18 साल की बेटी की पिता-चाचा ने की बेरहमी से हत्या

बनासकांठा, गुजरात: एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली घटना गुजरात के बनासकांठा जिले में सामने आई है, जहां 18 वर्षीय चंद्रिका चौधरी की हत्या उसके पिता और चाचा ने कर दी। चंद्रिका जो डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी और NEET परीक्षा में 478 अंक हासिल करके एमबीबीएस में एडमिशन लेने की तैयारी कर रही थी, उसकी अमानवीय हत्या ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।

‘Save Me’ मैसेज – मदद की अंतिम पुकार

24 जून की आधी रात चंद्रिका ने अपने प्रेमी हरीश चौधरी को इंस्टाग्राम पर लिखा, “मुझे आकर ले जाओ, वरना परिवार मेरी जबरन शादी कर देगा। अगर मैं मना करूंगी तो वे मुझे मार डालेंगे। मुझे बचाओ।” यह मैसेज उसकी मदद की अंतिम गुहार साबित हुआ। कुछ घंटे बाद उसकी लाश उसके घर से बरामद हुई।

परिवार का संदिग्ध व्यवहार

शुरुआत में चंद्रिका की मौत को परिवार ने आत्महत्या या प्राकृतिक मौत बताया। उन्होंने डॉक्टर को नहीं बुलाया, पोस्टमार्टम भी कराया नहीं और अंतिम संस्कार जल्दबाजी में कर दिया। यहां तक कि नजदीकी रिश्तेदारों को भी शामिल नहीं किया गया। इन सभी पहलों से पुलिस को शक हुआ और जांच शुरू की गई।

पुलिस जांच में खुला सच

पुलिस ने बताया कि चंद्रिका की मौत हादसे या आत्महत्या नहीं थी बल्कि एक पूर्व तैयार की गई हत्या थी। पिता सेधाभाई पटेल और चाचा शिवाभाई पटेल ने मिलकर तीन-स्तरीय योजना बनाई। उन्होंने पहले चंद्रिका को नशीली दवा देकर बेहोश किया फिर उसका गला दबाकर हत्या कर दी। शव को फांसी पर लटका कर आत्महत्या का संकेत देने की कोशिश की गई।

भागने की कोशिश और कोर्ट में याचिका

चंद्रिका पहले भी अपने प्रेमी के साथ घर से भाग चुकी थी। परिवार ने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद लड़की और प्रेमी को वापस लाया गया। इस दौरान चंद्रिका ने खतरे को भांपते हुए अदालत में हैबियस कॉर्पस याचिका भी दायर की थी, लेकिन सुनवाई से पहले ही उसकी मौत हो गई।

गिरफ्तारी और फरार आरोपी

पुलिस ने चंद्रिका के चाचा शिवाभाई पटेल को गिरफ्तार कर लिया है जबकि पिता सेधाभाई पटेल अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है और जल्द गिरफ्तारी का दावा करती है।

निष्कर्ष

यह घटना पित्रृसत्तात्मक सोच और ऑनर किलिंग की काली सच्चाई को उजागर करती है। युवा पीढ़ी के सपनों को कुचलने वाले इस जघन्य अपराध ने समाज में गंभीर चिंता पैदा कर दी है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पारिवारिक सत्ता के नाम पर निर्दोष जिंदगियां खत्म हो रही हैं, जिन्हें रोकने के लिए कड़े कानून एवं सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है।

(यह लेख घटना की जानकारी और जागरूकता हेतु प्रकाशित किया गया है। आपराधिक मामलों की आधिकारिक जानकारी के लिए संबंधित प्राधिकारी से संपर्क करें।)