
₹10000 की SIP से कब बनेंगे करोड़पति?
आज के दौर में हर व्यक्ति का एक सपना होता है, फांनेसियल फ्रेडम. इस सपने को पूरा करने का जादुई आंकड़ा माना जाता है, 1 करोड़ रुपये का कॉर्पस. कई लोग मानते हैं कि म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या हर महीने सिर्फ 10,000 रुपये का निवेश आपको 10 से 12 साल में करोड़पति बना सकता है? चलिए समझते हैं.
दस हजार की SIP से करोड़पति बनने का सच
अगर आप भी उन निवेशकों में से हैं जो मानते हैं कि 10,000 रुपये की मासिक एसआईपी आपको एक दशक में 1 करोड़ के जादुई आंकड़े तक पहुंचा देगी, तो आपको थोड़ा रुककर हिसाब-किताब समझने की जरूरत है. गेनिंग ग्राउंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के सह-संस्थापक, रवि कुमार के मुताबिक, यह लक्ष्य इस निवेश राशि और समय-सीमा के साथ लगभग असंभव है. उनका विश्लेषण कहता है कि अगर आप 12% से 15% का सालाना रिटर्न भी मानकर चलें, तो भी 1 करोड़ का कॉर्पस बनाने के लिए आपको हर महीने कम से कम 25,000 से 30,000 रुपये का निवेश करना होगा. यदि आप निवेश की राशि नहीं बढ़ा सकते, तो आपको अपने धैर्य की परीक्षा देनी होगी और निवेश की अवधि को बढ़ाकर लगभग 18 साल तक ले जाना होगा.
लक्ष्य बड़ा है तो कोशिश भी बड़ी
छोटे निवेशकों के लिए रवि एक व्यावहारिक रास्ता सुझाते हैं – ‘स्टेप-अप एसआईपी’. उनका सुझाव है कि आप 10,000 रुपये प्रति माह से शुरुआत करें, लेकिन अपनी आमदनी बढ़ने के साथ हर साल अपनी एसआईपी की राशि में कम से कम 15% की बढ़ोतरी करें. यह छोटा सा बदलाव चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंडिंग) की ताकत से मिलकर आपके लक्ष्य को काफी करीब ला सकता है.
कहां करें निवेश?
एक और आम दुविधा यह है कि 10,000 रुपये को एक ही फंड में लगाएं या 5,000-5,000 रुपये करके दो अलग-अलग फंड्स में? एक्सपर्ट्स का मानना है कि फंड्स की संख्या से ज्यादा जरूरी उनकी गुणवत्ता है. हालांकि, दो अलग-अलग फंड्स में निवेश करने से आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई होता है. इससे जोखिम कुछ हद तक कम हो जाता है और आप अलग-अलग मार्केट कैप और निवेश शैलियों का लाभ उठा पाते हैं. बेहतर परिणामों के लिए एक अच्छे मल्टी-कैप या फ्लेक्सी-कैप फंड का चुनाव करना समझदारी भरा कदम हो सकता है, जो बाजार के सभी क्षेत्रों में निवेश कर भविष्य की संभावनाओं का फायदा उठा सके.
एक स्टेटमेंट में पाएं पूरी कुंडली
अब बात करते हैं दूसरी बड़ी समस्या की. कई लोग सालों पहले एसआईपी या एकमुश्त निवेश करके भूल जाते हैं. उन्हें यह याद नहीं रहता कि किस फंड में कितना पैसा लगा है और आज उसकी कीमत क्या है. इसे ट्रैक करने का सबसे आसान और सबसे आसान तरीका है ‘कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट’ (CAS). यह एक तरह से आपके सभी निवेशों (म्यूचुअल फंड, शेयर, बॉन्ड आदि) का चिट्ठा होता है, जिसे आपकी डिपॉजिटरी (NSDL या CDSL) हर महीने आपकी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भेजती है.
इसके अलावा, आप म्यूचुअल फंड के रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट (RTA) की वेबसाइट पर जाकर भी अपने निवेश की पूरी जानकारी निकाल सकते हैं. भारत में CAMS और KFintech दो प्रमुख आरटीए हैं, जो लगभग सभी म्यूचुअल फंड कंपनियों का काम संभालते हैं. आपको बस उनके पोर्टल पर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी से एक अकाउंट बनाना है और आपका पूरा म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो आपके सामने होगा. जहां तक शेयरों में किए गए निवेश की बात है, उसकी जानकारी आपको अपने डीमैट अकाउंट से मिल जाएगी. कुल मिलाकर, CAS वह मास्टर-की है जो आपके बिखरे हुए निवेश को एक ही जगह पर समेटकर दिखा सकती है.
Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. TV9 भारतवर्ष अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है.